माहे माय मराठीले
तूहे नाव ठिवू नही
अमृताहे गोडी वसे
माहे माय मराठीये
माहे माय मराठीले
वृत्त, अलंकार वसे
फिके त्याच्या हो समोर
मोती, रत्न आनी हिरे
माहे माय मराठीले
हाये सोताचा परकास
सुर्व्या परी तेज हाये
समद्या जगास इसवास
माहे माय मराठीले
गडी रांगडी हो वसे
वज्रापरी घाव सोसे
सदा कष्ट करीत बसे
माहे माय मराठीले
छत्रपती शिवराये
हिंदवी हो स्थापिले
यवनांसी हो पळविले
माहे माय मराठीले
संत महान सोहळा
होती भक्त सारे गोळा
जनु सर्गाचा हा मेळा
माहे माय मराठीले
कुंकू सुवासिणींच्या भाळी
तूहे नाव ठिवू नही
अमृताहे गोडी वसे
माहे माय मराठीये
माहे माय मराठीले
वृत्त, अलंकार वसे
फिके त्याच्या हो समोर
मोती, रत्न आनी हिरे
माहे माय मराठीले
हाये सोताचा परकास
सुर्व्या परी तेज हाये
समद्या जगास इसवास
माहे माय मराठीले
गडी रांगडी हो वसे
वज्रापरी घाव सोसे
सदा कष्ट करीत बसे
माहे माय मराठीले
छत्रपती शिवराये
हिंदवी हो स्थापिले
यवनांसी हो पळविले
माहे माय मराठीले
संत महान सोहळा
होती भक्त सारे गोळा
जनु सर्गाचा हा मेळा
माहे माय मराठीले
कुंकू सुवासिणींच्या भाळी
भाऊबीजेच्या दिवशी
मिळे ओवाळणी हो चोळी
माहे माय मराठीले
जरी भोळी हो भाबडी
दुष्टांची मोडे खोडी
त्यांची वळवे हो बोबडी
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कवी : निलकवी
मिळे ओवाळणी हो चोळी
माहे माय मराठीले
जरी भोळी हो भाबडी
दुष्टांची मोडे खोडी
त्यांची वळवे हो बोबडी
-------------------------------------------------------------------
कवी : निलकवी
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